Updated on: 15 May, 2025 05:11 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
दस्तावेज में हाइड्रोजन सेल तकनीक का उपयोग करके माथेरान हिल रेलवे को अपग्रेड करने के लिए धनराशि स्वीकृत की है.
फ़ाइल चित्र/निमेश दवे
मंगलवार शाम को भारतीय रेलवे द्वारा जारी समेकित बजट दस्तावेज में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, प्रस्तावित नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईए) से हार्बर लाइन पर खंडेश्वर और पोर्ट लाइन पर तरघर तक पूरी तरह से खंभों पर बनाई जाने वाली छोटी लाइनों के सर्वेक्षण को मंजूरी दी गई है. दस्तावेज में हाइड्रोजन सेल तकनीक का उपयोग करके माथेरान हिल रेलवे को अपग्रेड करने के लिए भी धनराशि स्वीकृत की गई है.
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दस्तावेज - जिसकी एक प्रति मिड-डे के पास है - प्रस्तावित एनएमआईए से खंडेश्वर स्टेशन तक मौजूदा सीएसटीएम-पनवेल हार्बर लाइन पर 3.5 किमी की दूरी पर छोटी रेल लाइनों के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण को स्पष्ट करता है, जिसके लिए 7 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं. 3 लाख रुपये की लागत से नेरुल/बेलापुर-उरण रेल लाइन पर 1.35 किमी की दूरी पर एनएमआईए से तरघर स्टेशन तक छोटी रेल लाइनों के लिए भी ऐसा ही एक और सर्वेक्षण मंजूर किया गया है.
ये दोनों परियोजनाएं मुंबई के मुख्यधारा के उपनगरीय रेलवे नेटवर्क के साथ एनएमआईए की कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगी. एनएमआईए के जून 2025 में वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त, पनवेल और रोहा (75 किमी) के बीच तीसरी लाइन के लिए 1.50 करोड़ रुपये की लागत से अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी दी गई है, साथ ही पश्चिम रेलवे के उपनगरीय नेटवर्क पर दहानू को सीधे नासिक से जोड़ने के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसके लिए 2.05 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.
बजट दस्तावेज़ ने मध्य रेलवे के हेरिटेज इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए 70 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. भारतीय रेलवे ने ‘हेरिटेज के लिए हाइड्रोजन’ पहल के तहत हेरिटेज और पहाड़ी मार्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए हाइड्रोजन-संचालित ट्रेनों को विकसित करने और तैनात करने की योजना बनाई है. चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा निर्मित पहली हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन को जींद-सोनीपत मार्ग पर चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और जल्द ही चालू होने की उम्मीद है. इस पहल का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देना है, जिसमें 2025 तक 35 और हाइड्रोजन-संचालित ट्रेनें शुरू करने की योजना है.
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