Updated on: 28 May, 2024 02:36 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच का हवाला देते हुए कहा कि यह मानने का कारण है कि व्यक्ति, पुरषोत्तम चव्हाण, आयकर रिफंड धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का दोषी है.
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मुंबई में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों से निपटने वाली एक विशेष अदालत ने सोमवार को 263 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में एक व्यक्ति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच का हवाला देते हुए कहा कि यह मानने का कारण है कि व्यक्ति, पुरषोत्तम चव्हाण, आयकर रिफंड धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का दोषी है.
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रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने कहा कि वह `अपराध में सक्रिय रूप से शामिल` है और अपराध की आय को वैध बनाने में विभिन्न चरणों में `महत्वपूर्ण भूमिका` निभाई है. एजेंसी ने चव्हाण को मुंबई में उनके परिसरों पर छापेमारी के एक दिन बाद 20 मई को गिरफ्तार किया था. सोमवार को उसकी रिमांड खत्म होने पर उसे विशेष पीएमएलए न्यायाधीश एमजी देशपांडे के समक्ष पेश किया गया. अदालत ने जांच एजेंसी की मांग के अनुसार उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
ईडी ने अदालत को बताया कि आरोपी ने सबूत नष्ट कर दिए हैं जिससे उसके द्वारा प्राप्त धन के अंतिम उपयोग का पता चल सकता है. रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपी ने उसे वास्तव में प्राप्त धनराशि, उसके तरीके और तरीके के साथ-साथ पैसे के आगे के उपयोग के बारे में विवरण साझा नहीं किया.
इसके अलावा, उनके आवास से बरामद संपत्ति दस्तावेजों के संबंध में, जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने तथ्यों का खुलासा नहीं किया. इसलिए, उनकी न्यायिक हिरासत बहुत जरूरी है क्योंकि इस स्तर पर उनकी रिहाई से निश्चित रूप से चल रही जांच में बाधा आएगी. रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने आयकर रिफंड धोखाधड़ी मामले के आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
यह जांच कथित तौर पर आयकर विभाग से 263.95 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी वाले टीडीएस रिफंड जारी करने और जारी करने से संबंधित है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किया गया मामला ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले का आधार है. ईडी इस मामले में पहले मुख्य आरोपी और पूर्व वरिष्ठ कर सहायक तानाजी मंडल अधिकारी, भूषण पाटिल, राजेश शेट्टी और राजेश बृजलाल बटरेजा को गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी ने आरोप लगाया कि बत्रेजा और चव्हाण नियमित रूप से संपर्क में थे और हवाला लेनदेन और अपराध की आय के दुरुपयोग से संबंधित आपत्तिजनक संदेश साझा करते थे. अब तक विभिन्न आरोपियों की 168 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है और ईडी द्वारा अधिकारी और दस अन्य के खिलाफ सितंबर 2023 में आरोप पत्र दायर किया गया था.
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