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अदानी की बिजली दर वृद्धि वापस ले सरकार: सुरेशचंद्र राजहंस

Updated on: 13 April, 2025 12:30 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

अदानी पॉवर की ओर से हाल ही में की गई बिजली दरों में वृद्धि ने मुंबई के लगभग 30 लाख निवासियों को प्रभावित किया है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेशचंद्र राजहंस ने इस वृद्धि को अन्यायपूर्ण बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.

राजहंस ने अपनी मांग में स्पष्ट किया कि अदानी पॉवर को अपनी दरवृद्धि को तुरंत वापस लेना चाहिए और मुंबईवासियों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करानी चाहिए.

राजहंस ने अपनी मांग में स्पष्ट किया कि अदानी पॉवर को अपनी दरवृद्धि को तुरंत वापस लेना चाहिए और मुंबईवासियों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करानी चाहिए.

अदानी पॉवर की ओर से हाल ही में की गई बिजली दरों में वृद्धि ने मुंबईवासियों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है. कांग्रेस प्रवक्ता और मुंबई स्लम सेल के अध्यक्ष सुरेशचंद्र राजहंस ने इस वृद्धि को “अन्याय” करार देते हुए इसे आम नागरिकों के हितों पर चोट बताया है. राजहंस ने जोर देकर कहा कि यह वृद्धि केवल मुंबईवासियों के जीवन को और कठिन बनाएगी और सरकार से इस निर्णय पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि महंगाई की आग में झुलस रहे मुंबईकरों को अब बिजली दरों में बढ़ोतरी के रूप में एक और झटका सहना पड़ेगा. राजहंस के मुताबिक, झुग्गियों में रहने वाले गरीब, मेहनतकश लोग और मध्यमवर्गीय परिवार पहले से ही बढ़ते खर्चों से परेशान हैं. ऐसे में बिजली दरों में इस तरह की वृद्धि से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर बुरा असर पड़ेगा. खासतौर पर गर्मियों के इस मौसम में, जब पंखों, एसी और कूलर का इस्तेमाल बढ़ जाता है, इस तरह की वृद्धि उनके घरेलू बजट पर भारी पड़ेगी.


कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें महंगाई पर काबू पाने में पूरी तरह से विफल हो चुकी हैं. उन्होंने दावा किया कि निजीकरण की वजह से सरकार का बिजली कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है, और इसका पूरा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई के इस दौर में सरकार को आम नागरिकों का साथ देना चाहिए, न कि उनकी परेशानियों में इजाफा करना चाहिए.


राजहंस ने अपनी मांग में स्पष्ट किया कि अदानी पॉवर को अपनी दरवृद्धि को तुरंत वापस लेना चाहिए और मुंबईवासियों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और जनता को राहत प्रदान करे. उनका कहना है कि सरकार को निजी कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाना चाहिए और आम नागरिकों की परेशानी को प्राथमिकता देनी चाहिए.

मुंबई के लगभग 30 लाख लोग इस बिजली दर वृद्धि से प्रभावित होंगे. इस फैसले ने न केवल मध्यमवर्गीय परिवारों को बल्कि झुग्गियों में रहने वाले गरीबों को भी चपेट में लिया है. राजहंस ने कहा कि अदानी पॉवर को यह समझना चाहिए कि उसकी बढ़ाई गई दरें गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए असहनीय बोझ बन सकती हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बढ़ती महंगाई के दौर में बिजली जैसी बुनियादी सुविधा को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराना सरकार और निजी कंपनियों की प्राथमिकता होनी चाहिए.


राजहंस ने कहा कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और आम जनता को राहत देने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए. उनके अनुसार, महंगाई पहले ही जनता का जीवन कठिन बना चुकी है, और बिजली की दरों में यह बढ़ोतरी उनकी समस्याओं को और बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम नागरिकों को इस तरह के आर्थिक बोझ से बचाया जाए और मुंबईवासियों को राहत प्रदान की जाए.

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