Updated on: 19 March, 2024 08:25 AM IST | mumbai
Faisal Tandel
ऑपरेशन में छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. जांच की शुरुआत ठाणे में 15 ग्राम एमडी की शुरुआती गिरफ्तारी से हुई.
छापेमारी के दौरान पुलिस ने 36 वर्षीय अतुल सिंह और 38 वर्षीय संतोष गुप्ता को पकड़ लिया, साथ ही फैक्ट्री पर भी छापा मारा.
ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट 1 ने एक बड़ा कारनामा कर के दिखाया है. ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट 1 ने एक फैक्ट्री की खोज की जो मेफेड्रोन क्रिस्टल पावर (एमडी) तैयार करने में शामिल थी, जो उत्तर प्रदेश के वरसानी में एक खेत में एक घर के भीतर चल रही थी. ऑपरेशन में छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. जांच की शुरुआत ठाणे में 15 ग्राम एमडी की शुरुआती गिरफ्तारी से हुई, जिसके बाद ऑपरेशन को वाराणसी तक पहुंचाया गया. कुल मिलाकर, छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, और अधिकारियों ने एमडी को जब्त कर लिया, जिसकी कीमत 27.78 करोड़ रुपये थी, साथ ही इसके उत्पादन में इस्तेमाल की गई लगभग 8.62 लाख रुपये की सामग्री और 7 लाख रुपये मूल्य का एक वाहन जब्त किया गया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
यह ऑपरेशन पिछले महीने 24 फरवरी को 15 ग्राम एमडी रखने के आरोप में 22 वर्षीय आफताब अजीज मलाडा की गिरफ्तारी के साथ शुरू हुआ था. इसके बाद, जांच में नालासापोरा के रहने वाले 27 वर्षीय जयनाथ यादव उर्फ कांचा, 23 वर्षीय शेरबहादुर सिंह उर्फ अंकित और 48 वर्षीय हुसैन सलीम सईद के संबंधों का पता चला. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, `हमने आफताब से सईद तक एक आपूर्ति श्रृंखला का भंडाफोड़ किया. दवाएं खरीदारों तक पहुंचने के लिए थीं. कुल मिलाकर हमने 14 लाख रुपये मूल्य की लगभग 481 ग्राम एमडी जब्त की. सईद से पूछताछ करने पर हमें पता चला कि ड्रग्स की आपूर्ति उत्तर प्रदेश के वाराणसी से की गई थी.`
ठाणे क्राइम ब्रांच के डीसीपी, शिवराज पाटिल ने कहा, `जैसे ही हमें वाराणसी लिंक के बारे में जानकारी मिली, हमने सहायक पुलिस निरीक्षक, रूपाली पोल और विजय यादव एक पुलिस कांस्टेबल की एक टीम बनाई जो वाराणसी के लिए रवाना हुई. हमने वाराणसी में स्थानीय पुलिस की मदद ली और आरोपियों से प्राप्त तकनीकी जानकारी के माध्यम से विवरण इकट्ठा करना शुरू कर दिया.
फैक्ट्री पर छापा
ठाणे अपराध शाखा के एक सहायक पुलिस निरीक्षक रूपाली पोल, विजय यादव के साथ, स्थानीय ग्रामीणों के वेश में इलाके में रहने लगे. पोल ने कहा, `स्थानीय पुलिस और मुखबिरों की मदद से, हमें पता चला कि फैक्ट्री एक खेत में स्थित एक घर में चल रही थी. एमडी के उत्पादन के दौरान निकलने वाली दुर्गंध के कारण इसे एक खेत में स्थापित किया गया था. हम आसपास ही रहे और परिसर में आने-जाने वाले लोगों की गतिविधियों और सूचनाओं के बारे में खुफिया जानकारी जुटाते रहे. इसके बाद, 16 मार्च को, हमने स्थानीय पुलिस की सहायता से कारखाने पर छापा मारा.`
छापेमारी के दौरान पुलिस ने 36 वर्षीय अतुल सिंह और 38 वर्षीय संतोष गुप्ता को पकड़ लिया, साथ ही फैक्ट्री पर भी छापा मारा. पुलिस अधिकारी ने कहा, `हमने एमडी के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली लगभग 2.645 किलोग्राम सामग्री जब्त की, जिसकी कीमत 2.64 करोड़ रुपये है.` पुलिस ने फैक्ट्री से एमडी के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न रासायनिक सामग्री जैसे मेफेड्रोन, मिथाइलमाइन, सोडियम हाइड्रॉक्साइड छर्रों, क्लोरोफॉर्म, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और मिथाइलप्रोपियोनल पाउडर को जब्त कर लिया. उन्होंने एक गर्म हवा ओवन, चुंबकीय कागज, एक मिक्सर और एक मोटर के साथ एक स्टिरर रॉड सहित उपकरण भी जब्त कर लिए.
क्राइम ब्रांच अब ओम गुप्ता उर्फ मोनू की तलाश कर रही है जो मास्टरमाइंड है और पिछले कुछ सालों से चेन चला रहा था. पाटिल ने कहा, `मोनू का पता लगाने के लिए जांच जारी है. इस चक्र का भंडाफोड़ करने के लिए हम इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही, उन्हें एमडी की तैयारी करना किसने सिखाया.`
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT