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मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर बॉलीवुड स्टाइल में डकैती, पुलिस ने 3 बदमाशों को किया गिरफ्तार

Updated on: 24 February, 2024 10:45 AM IST | mumbai
Diwakar Sharma | diwakar.sharma@mid-day.com

वालिव पुलिस स्टेशन के प्रभारी जयराज रानावरे मामले की जांच के लिए एपीआई सचिन सनप के नेतृत्व में इकट्ठे हुए.

आरोपियों को MBVV पुलिस ने पकड़ लिया. तस्वीर/हनीफ पटेल

आरोपियों को MBVV पुलिस ने पकड़ लिया. तस्वीर/हनीफ पटेल

की हाइलाइट्स

  1. एमबीवीवी पुलिस ने वाघरी समुदाय से तीन लोगों को पकड़ा
  2. आरोपी खुद को छिपाने के लिए अजीबोगरीब काम करते थे
  3. डकैती के दौरान उनमें से एक चलती टेम्पो से चिपक जाता था

Mumbai Crime News: मीरा-भायंदर, वसई-विरार (एमबीवीवी) पुलिस ने गुजरात के सुरेंद्रनगर में वाघरी समुदाय के तीन व्यक्तियों को पकड़ा, जो मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर चलती टेंपो में तोड़फोड़ करने में शामिल थे. आरोपी खुद को छिपाने के लिए अजीबोगरीब काम करते थे. डकैती के दौरान, उनमें से एक चलती टेम्पो से चिपक जाता था, मशीनीकृत हैंडसॉ या बोल्ट कटर से ताला तोड़ देता था, और कीमती सामान दूसरे साथी को दे देता था जो उन्हें एक बैग में इकट्ठा कर लेता था. तीसरा सदस्य हाईवे पर दिनदहाड़े हुई डकैती को छुपाने के लिए टेम्पो का पीछा करता था. पुलिस ने कहा कि इस साहसी डकैती के बाद, तीनों बॉलीवुड फिल्म धूम की तरह अलग-अलग दिशाओं में गायब हो जाते थे. तीनों की पहचान 36 वर्षीय नितेश उर्फ पोया धर्मेश बुटिया के रूप में की गई है, 28 वर्षीय दिलीप उर्फ कालिया करसन भोजिया और 38 वर्षीय भरत उर्फ मिथिया धीरू बुटिया के तौर पर हुई है. उनको तब गिरफ्तार किया गया जब एक शिकायतकर्ता ने 16 फरवरी को वालिव पुलिस से शिकायत की कि राजमार्ग पर कुछ अज्ञात लोगों ने 16 लाख रुपये से भरा बैग चुरा लिया है.

पुलिस ने बताया कि यह गिरोह कई ऐसी घटनाओं में शामिल था, जिनमें से ज्यादातर का मामला दर्ज भी नहीं किया गया है. वालीव पुलिस स्टेशन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, `वे मुंबई में रहते हैऔर छोटे-मोटे काम करते है. नीलेश मसाले बेचता था, भरत एक सुरक्षा गार्ड है और वह सैलून में भी काम करता है, जबकि दिलीप बाज़ार में साड़ियां बेचता है. अधिकारी ने कहा, `ये तीनों बाज़ार में आने वाली डिलीवरी वैनों पर बारीकी से नजर रखते थे. जहाँ थोक विक्रेता खुदरा विक्रेताओं को किराने का सामान या क़ीमती सामान भेजते हैं. एक बार डिलीवरी हो जाने के बाद, खुदरा विक्रेता डिलीवरी वैन चालक को पैसे देते हैं, जो पैसे वाले बैग को टेम्पो में रखता है, उसे पीछे बंद कर देता है और आगे बढ़ जाता है.`


अधिकारी ने बताया, `वे मोटरसाइकिल पर टेम्पो का पीछा करते हुए, दूर से घटनाओं का निरीक्षण करते थे. एक बार जब उसे मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर एक सुनसान जगह का सामना करना पड़ा, तो उनमें से एक खुद को चलती टेम्पो के पीछे से जोड़ लेता था, खासकर ट्रैफिक सिग्नल के पास या फ्लाईओवर के पास ऊंचे क्षेत्र में, इसके बाद वह डकैती करता था.` 


अधिकारी ने विस्तार से बताया, `मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति राजमार्ग पर दुस्साहसिक डकैती के दौरान ध्यान भटकाने का काम करता था, जबकि तीसरा सदस्य एक ऑटोरिक्शा से निगरानी बनाए रखता था. चलती गति से जुड़ा व्यक्ति दरवाज़ा खोलने के लिए बोल्ट कटर या मशीनीकृत हैण्डसॉ का उपयोग कर चोरी करता था.` 

अधिकारी ने कहा, `16 फरवरी को इसी कार्यप्रणाली को अंजाम देते हुए, तीनों ने 16 लाख रुपये नकदी से भरा एक बैग सफलतापूर्वक लूट लिया, जिसे ड्राइवर ने वसई पूर्व में एक खुदरा विक्रेता को सामान पहुंचाने के बाद टेम्पो में सुरक्षित रखा था. प्राथमिकी शिकायत दर्ज होने के बाद, पुलिस उपायुक्त पूर्णिमा चौगुले-श्रृंगी ने वालिव पुलिस स्टेशन के कर्मियों को अपराध को तेजी से सुलझाने का निर्देश दिया. जवाब में, वालिव पुलिस स्टेशन के प्रभारी जयराज रानावरे मामले की जांच के लिए एपीआई सचिन सनप के नेतृत्व में इकट्ठे हुए.


सनप ने कहा, `हमने सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया और उन अपराधियों तक पहुंच गए जो गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के लिंबडी तालुका में छिपे हुए थे. दिन के उजाले में अपराध को अंजाम देने के बाद, तीनों अलग-अलग दिशाओं में गायब हो जाते थे, ठीक वैसे ही जैसे बॉलीवुड फिल्म धूम में गिरोह भूमिगत हो जाता था. उनके खिलाफ मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और पालघर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों और मीरा भयंदर वसई विरार पुलिस में कई एफआईआर दर्ज हैं. फिलहाल, वे हिरासत में पूछताछ का सामना कर रहे हैं और पुलिस ने कहा कि अन्य लोगों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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