Updated on: 13 April, 2025 07:00 PM IST | Mumbai
Dress Code In Ashtavinayak Temples: महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार कमीज और पंजाबी ड्रेस जैसे पारंपरिक परिधान सुझाव दिए गए हैं.
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पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में अष्टविनायक गणपति के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए नए ड्रेस कोड की घोषणा की गई है. इस ड्रेस कोड में मोरगांव के मोरेश्वर, थेउर के चिंतामणि, सिद्धटेक के सिद्धिविनायक, चिंचवड़ के मोरया गोसावी संजीव मंदिर और खार नारंगी मंदिर जैसे प्रसिद्ध गणपति मंदिर शामिल हैं. इन मंदिरों में प्रवेश के लिए भक्तों को पारंपरिक और शालीन कपड़े पहनना अनिवार्य होगा.
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मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए उपयुक्त वस्त्र पहनना आवश्यक है. पुरुषों को शर्ट, टी-शर्ट और फुल पैंट जैसे सामान्य और शालीन परिधान पहनने की अनुमति होगी. इसके अतिरिक्त, पारंपरिक भारतीय परिधानों को भी प्राथमिकता दी गई है, जैसे धोती, कुर्ता और पायजामा. ऐसे वस्त्र पहनने से मंदिर का वातावरण सम्मानजनक और शुद्ध बना रहता है.
महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार कमीज और पंजाबी ड्रेस जैसे पारंपरिक परिधान सुझाव दिए गए हैं. अन्य भारतीय पारंपरिक कपड़े, जो मंदिर के पवित्र वातावरण से मेल खाते हों, भी स्वीकार्य हैं. प्रशासन ने विशेष रूप से जोर देकर कहा है कि श्रद्धालु ऐसे परिधान चुनें जो धार्मिक स्थलों के गरिमामय माहौल के अनुरूप हों.
इसके अलावा, मंदिर परिसर में कुछ विशेष प्रकार के कपड़े पहनने पर रोक लगाई गई है. इनमें अत्यधिक आधुनिक, अपरंपरागत, पारदर्शी, नुकीले डिज़ाइन वाले, बिना आस्तीन के, कटे हुए या खुली शैली के परिधान शामिल हैं. इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंदिर में आने वाले सभी लोग एक समान धार्मिक अनुभव महसूस कर सकें और वहां की पवित्रता बनाए रखी जा सके.
ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय धार्मिक स्थलों पर अनुशासन और सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है. मंदिर प्रशासन का मानना है कि इस नियम से न केवल मंदिर की पवित्रता कायम रहेगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी एक बेहतर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा. सभी भक्तों से अनुरोध है कि वे इस ड्रेस कोड का पालन करें और अपने दर्शन को अधिक आध्यात्मिक और गरिमामय बनाएं.
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